एक मसीहा ऐसा भी ..... लम्हों की ज़िंदगी में सदियों का जी गया..... डॉक्टर अकबर अली, हर इंसान का दुनिया में आना और जाना तय है, लेकिन यह कोई नहीं जानता है कि कौन कब आयोगा और कब जाएगा। आने जाने का तो पता नहीं लेकिन यह आने जाने के बीच की हमारी ज़िन्दगी हमारे ऊपर होती है कि हम इसको कैसे गुज़ारें। अक्सर हम अपनी ही उलझनों में उलझे रह जाते हैं। सही-गलत, नेकी-बदी इन सब चीज़ों को नज़रंदाज़ कर जाते हैं। लेकिन आज भी दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं जो बहुत सारी बातों के साथ एक बात जो कि बहुत ज़रूरी है। याद रखते हैं, और वह है नेकी। नेकी को आज हमने बहुत आम कर दिया है। जब की नेकी बहुत खास होनी चाहिए। नेकी वह नहीं जो दुनिया देखती है। बल्कि नेकी वह है जो सिर्फ खुदा देखे। क्योंकि नेकी वह है जो बंदे को खुदा से जोड़ती है। डॉक्टर और शिक्षक यह दो ऐसे नाम और काम हैं जिसमें नेकी और कमाई दोनों होती है। बस यह हमारे ऊपर होता है कि हम क्या-क्या कमाएं। डॉक्टर अकबर अली पेशे से ...