उत्तर प्रदेश में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था में सुधार और अफसरशाही की नकेल कसने को गुजरात से बुलाये गए शर्मा जी
गुजरात कैडर के रिटायर्ड आईएएस अरविंद कुमार शर्मा के भाजपा ज्वाइन करने के तत्काल बाद विधान परिषद प्रत्याशी घोषित करने से यूपी के मंत्रियों और मंत्रीपद के तमाम दावेदारों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजली, पानी और सड़क जैसी जनता से जुड़े बुनियादी विभागों से बेहतर काम चाहते थे। लेकिन इन विभागों के मंत्री अभी तक उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाये हैं। चुनाव में जाने से पहले योगी आदित्यनाथ हर मोर्चे को मजबूत करना चाहते हैं। इसी क्रम में वह पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे और इस परेशानी से अवगत कराते हुए रिजल्ट् ओरिएंटेड स्किल्ड व्यक्ति की मांग की थी ताकि यूपी में सड़क, बिजली और पानी जैसे विभागों की कार्यप्रणाली का मैकेनिज्म सुधारा जा सके।
मोदी - योगी की इस मुलाकात के बाद ही मऊ जिले के मूल निवासी और गुजरात कैडर के मोदी के विश्वासपात्र आईएएस अधिकारी अरविंद शर्मा को रिटायरमेंट से दो साल पहले ही वीआरएस लेने का निर्देश दे दिया गया। वीआरएस लेने के साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में टिकट मिलने से इस बात का आभास होने लगा है कि यूपी में उन्हें महत्वपूर्ण पद दिया जायेगा।
माना जा रहा है कि विधान परिषद का चुनाव निपटने के बाद योगी मंत्रिमंडल का तीसरा और आखिरी विस्तार होगा। इसमें अरविंद कुमार शर्मा को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी। यह विस्तार लंबे समय से लटक रहा था, क्योंकि योगी की टीम में उनकी तरह मेहनत करने वाले मंत्रियों का अभाव है। इस विस्तार में कई लापरवाह मंत्रियों की कुर्सी जाने और चुनावी समीकरण के मद्देनजर दो-चार नये चेहरों को शामिल होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कई मोर्चों पर अकेले जूझ रहे हैं, क्योंकि जिन लोगों की लूट की दुकानें योगी के चलते बंद हुईं वह सारे लोग अलग-अलग फ्रंट से रोज योगी के खिलाफ षणयंत्र रचने में जुटे रहते हैं। वह तमाम मंत्री भी योगी के खिलाफ हैं, जो पैसे कमाने के सपने लेकर आये थे और योगी के चलते जिनकी उम्मीदें परवान नहीं चढ़ पाईं। मंत्रियों की दिलचस्पी जनता की समस्याओं से ज्यादा टेंडर मैनेज करने तथा वसूली कराने में रही है। सिंचाई विभाग हो, बिजली विभाग या फिर परिवहन विभाग। मंत्री जी और उनके चेले टेंडर सेट कराने में व्यस्त हैं और जनता बेहाल है। जिससे योगी सरकार के प्रति जनता में नकारात्मक संदेश जा रहा है। इसी के चलते अरविन्द कुमार शर्मा को निकट भविष्य में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख पदों में से किसी पद पर आसीन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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